छट ततल क मदद
By
VEER BRAMHANE
• 3 hours ago
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छट ततल क मदद
एक चमकल मदन म मषट नम क एक गल मल चट रहत थ वह बहत महनत थ, लकन एक समसय थ: उसक घर क रसत बहत लब थ
एक दन, मषट क एक बड, जमन रग क फल पर करन थ वह फल इतन ऊच थ क मषट उस चढ नह पई वह उदस हकर बठ गई
तभ, पस स एक पयर, छट ततल जसक नम पखड थ, गजर पखड न मषट क दख और पयर स पछ, "कय हआ, गल मल दसत?"
मषट न अपन परशन बतई पखड न मसकरय और बल, "फकर मत कर!"
पखड तरत नच आई, मषट क धर स अपन छट पख पर बठय, और उड गई! वह मषट क फल क ऊपर स, हव म एक पयर चककर लगवकर, सध उसक घर तक ल आई
मषट न नच उतरकर पखड क कसकर गल लगय उसन सख क जब हम कस क मदद करत ह, त सफर बहत आसन और मजदर ह जत ह!